जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा
वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकेंमेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसाने का वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकेंमेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसान...
रे विचित्र परिवेश! तज मानवता, धर दानवता छोड़ स्वयं का वेश! रे विचित्र परिवेश! तज मानवता, धर दानवता छोड़ स्वयं का वेश!
राह टेड़ी हो.....भले...पर मै स्वयं उलझा नहीं, हो तपन कितनी मगर मैं ताप से झुलसा नहीं। राह टेड़ी हो.....भले...पर मै स्वयं उलझा नहीं, हो तपन कितनी मगर मैं ताप से झुलसा ...
एक गुलाब मैंने देखा... अभी - अभी... जिसमें न गुल था...न आब, लापता खुशबू.. निस्तेज... एक गुलाब मैंने देखा... अभी - अभी... जिसमें न गुल था...न आब, लापता खुशबू.. निस्ते...
चलो नाराज होते हैं.. बिखरते रोज के रिश्ते उखड़ते नेह के चेहरे लबे नासाज होते हैं....। चलो नाराज होते हैं.. बिखरते रोज के रिश्ते उखड़ते नेह के चेहरे लबे नासाज होते हैं...